Design image
Design image
Book my pooja logo
आदित्य हृदय स्तोत्र हिंदी में | Aditya Hridaya Stotra in Hindi

आदित्य हृदय स्तोत्र हिंदी में | Aditya Hridaya Stotra in Hindi

आदित्यहृदयस्तोत्र एक अत्यंत शक्तिशाली और पूजनीय स्तुति है, जिसे महर्षि अगस्त्य ने भगवान श्रीराम को युद्ध भूमि में रावण का वध करने से पूर्व उपदेश दिया था। यह स्तोत्र भगवान सूर्य नारायण की महिमा का गुणगान करता है और जीवन में विजय, स्वास्थ्य और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है।

इस ब्लॉग में हम आदित्य हृदय स्तोत्र का अर्थ, महत्व, पूरा पाठ और इसका सही विधि से पाठ करने के नियम जानेंगे।

Line Design

By: Team BookMyPooja

आदित्यहृदयस्तोत्रकाइतिहास

रामायण के युद्धकाण्ड में, जब भगवान राम रावण से युद्ध करते हुए थक गए थे, तब महर्षि अगस्त्य ने उन्हें यह स्तोत्र बताया। उन्होंने कहा कि सूर्यदेव की उपासना करने से भगवान राम को बल, साहस और विजय प्राप्त होगी।

इस स्तोत्र का पाठ करने से:

  • आत्मबल में वृद्धि होती है
  • मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है
  • शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है
  • जीवन में ऊर्जा और उत्साह बना रहता है

आदित्यहृदयस्तोत्रकामहत्व

  • बलऔरआत्मविश्वास: सूर्यदेव को ऊर्जा का स्रोत माना जाता है। उनकी आराधना से मनुष्य के भीतर नई ऊर्जा और आत्मविश्वास उत्पन्न होता है।
  • सकारात्मकताकासंचार: नित्य पाठ करने से नकारात्मकता दूर होती है और सकारात्मक विचार आते हैं।
  • सफलताऔरविजय: किसी भी कार्य में सफलता पाने के लिए आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ अत्यंत फलदायक माना गया है।
  • आरोग्यप्राप्ति: यह स्तोत्र स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है और रोगों से मुक्ति में सहायक है।

आदित्यहृदयस्तोत्रहिंदीमें | Aditya Hridaya Stotra in Hindi

॥आदित्यहृदयस्तोत्र॥

ततो युद्धपरिश्रान्तं समरे चिन्तया स्थितम् ।
रावणं चाग्रतो दृष्ट्वा युद्धाय समुपस्थितम् ॥

दैवतैश्च समागम्य द्रष्टुमभ्यागतो रणम् ।
उपगम्याब्रवीद्राममगस्त्यो भगवाञ्मुनिः ॥

राम राम महाबाहो श्रृणु गुह्यं सनातनम् ।
येन सर्वानरीन् वत्स समरे विजयिष्यसि ॥

आदित्यहृदयं पुण्यं सर्वशत्रुविनाशनम् ।
जयावहं जपेन्मित्यं अक्षय्यं परमं शिवम् ॥

सर्वमंगलमांगल्यं सर्वपापप्रणाशनम् ।
चिन्ताशोकप्रशमनं आयुरर्धं यशः बलम् ॥

रश्मिमंतं समुद्यन्तं देवासुरनमस्कृतम् ।
पूजयस्व विवस्वन्तं भास्करं भुवनेश्वरम् ॥

सर्वदेवात्मको ह्येष तेजस्वी रश्मिभावनः ।
एष देवासुरगणान् लोकान् पाति गभस्तिभिः ॥

एष ब्रह्मा च विष्णुश्च शिवः स्कन्दः प्रजापतिः ।
महेंद्रो धनदः कालो यमः सोमो ह्यपां पतिः ॥

पितरो वसवः साध्या ह्यश्विनौ मरुतो मनुः ।
वायुर्वह्निः प्रजाप्राणा ऋतुकर्ता प्रभाकरः ॥

आदित्यः सविता सूर्यो भानुः खगः पूषा गभस्तिमान् ।
सुवर्णसदृशो भानुः हिरण्यरेता दिवाकरः ॥

हरिदश्वः सहस्रार्चिः सप्तसप्तिर्मरीचिमान् ।
तिमिरोन्मथनः शंभुः त्वष्टा मार्ताण्ड अंशुमान् ॥

आदित्यहृदयस्तोत्रकाभावार्थ

  • महर्षि अगस्त्य भगवान राम को समझाते हैं कि सूर्यदेव समस्त देवताओं के आत्मस्वरूप हैं।
  • सूर्यदेव के स्मरण और स्तुति से जीवन की समस्त बाधाएं दूर होती हैं।
  • वे ब्रह्मा, विष्णु, महेश और समस्त ग्रह-नक्षत्रों के अधिपति हैं।
  • सूर्यदेव का ध्यान करते समय व्यक्ति को जीवन में समृद्धि, शक्ति और विजय प्राप्त होती है।

आदित्यहृदयस्तोत्रपाठविधि

  1. सुबह सूर्योदय के समय स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  2. पूर्व दिशा की ओर मुख करके बैठें।
  3. एक दीया (तेल अथवा घी का) जलाएं।
  4. भगवान सूर्य को जल अर्पित करें (अर्घ्य दें)।
  5. आदित्य हृदय स्तोत्र का श्रद्धा एवं नियमपूर्वक पाठ करें।
  6. पाठ के बाद सूर्यदेव से अपने कष्टों की निवृत्ति और सफलता के लिए प्रार्थना करें।

आदित्यहृदयस्तोत्रकापाठकबकरें?

  • रोज़ प्रातःकाल पाठ करना उत्तम होता है।
  • विशेष रूप से जब कोई कार्य, परीक्षा, इंटरव्यू अथवा युद्ध समान कठिन परिस्थिति का सामना करना हो।
  • रविवार के दिन इसका विशेष महत्व है।

आदित्यहृदयस्तोत्रसेलाभ

  • मानसिक तनाव और चिंता में कमी आती है।
  • आत्मविश्वास और साहस में वृद्धि होती है।
  • कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
  • स्वास्थ्य में सुधार होता है और रोग दूर होते हैं।
  • सकारात्मक ऊर्जा और आत्मबल का विकास होता है।

निष्कर्ष

आदित्यहृदयस्तोत्र केवल एक मंत्र नहीं, बल्कि एक दिव्य शक्ति है जो जीवन को नई दिशा और ऊर्जा देती है। इसका नित्य पाठ करने से व्यक्ति का आत्मबल बढ़ता है, जीवन में सफलता मिलती है और स्वास्थ्य लाभ होता है।

भगवान सूर्य के तेज और आशीर्वाद से मनुष्य अपने जीवन की सभी बाधाओं को पार कर सकता है। आइए, हम सब मिलकर आदित्य हृदय स्तोत्र का नित्य पाठ करें और अपने जीवन को प्रकाशमय बनाएं।

Line Design
BookMyPooja
BookMyPooja
BookMyPooja
BookMyPooja
BookMyPooja
BookMyPooja
BookMyPooja

About usBlogs
FacebookLinkedInLinkedInLinkedInYoutube

Terms & Conditions

Privacy Policy

Address

Krishnappa Garden, C V Raman Nagar, BengaluruKarnataka 560093

Copyright © 2024, Metaplus Technologies Private Limited All rights reserved.
Line Image